डॉ. पूर्णिमा बाली

डॉ. पूर्णिमा बाली शूलिनी विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर और प्रमुख, चित्रकोट स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स में कार्यरत हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला, हिमाचल प्रदेश, भारत से अंग्रेजी साहित्य में पी.एच.डी. प्राप्त की। 15 वर्षों से अधिक के शिक्षण अनुभव के साथ, उन्होंने शिक्षा जगत् में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसमें कई राष्ट्रीय एंव अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्र, समीक्षायें, पुस्तक अध्याय और प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं और प्रकाशन गृहों द्वारा प्रकाशित संपादित पुस्तकें शामिल हैं। डॉ. बाली को शिक्षा और अनुसंधान में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए कई संस्थानों से प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुए हैं, जैसे ‘यंग फैकल्टी अवार्ड-2016‘, ‘ब्राइट एजुकेटर अवार्ड-2017‘ और ‘ब्राइट एजुकेटर अवार्ड-2018‘। वह एससीआईआरईए जर्नल ऑफ एजुकेशन, द क्राइटेरियनः एन इंटरनेशनल जर्नल इन इंग्लिश और द इंटरनेशनल ओपन रिसर्च जर्नल (आईओआरजे) जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में संपादकीय पदों पर भी हैं। 

इसके अतिरिक्त, वह कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के लिए सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में कार्य करती हैं। वह इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आईएसआरडी), इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईएसीएसआईटी) के तहत सोशल साइंस एंड ह्यूमैनिटीज सोसाइटी और म्यूज इंडिया सहित विभिन्न पेशेवर संगठनों में सक्रिय रूप से भाग लेती हैं। बाली के अनुसंधान क्षेत्रों में अंग्रेजी में भारतीय लेखन, सांस्कृतिक अध्ययन, नारीवाद और विश्व साहित्य शामिल हैं। वर्तमान में, यह कई पुस्तकों के संपादन से जुड़ी परियोजनाओं को पूरा करने पर काम कर रही है।

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